बिगड़ी व्यवस्था : 3 घंटे तक कतार में फंसे रहे लोग, नियमित दर्शनार्थियों का हंगामा

उज्जैन:महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन द्वारा भीड़ के अनुमान से सावन माह में गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं के दर्शन का निर्णय लिया गया था। सावन माह लगने के बाद आज सुबह पहली बार भीड़ कम होने पर मंदिर में गर्भगृह से दर्शन कराये गये, लेकिन 10 बजे बाद होने वाली आरती के लिये 8.30 बजे से मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश इसलिये बंद कर दिया गया ताकि गर्भगृह को खाली कराया जा सके। परिणाम यह निकला कि आम श्रद्धालुओं को भगवान के दर्शनों के लिये 3 घंटे इंतजार करना पड़ा। जबकि मंदिर के सभी प्रवेश द्वार बंद कर दिये जाने से प्रतिदिन दर्शनार्थियों ने जमकर हंगामा किया।
सावन माह लगने के बाद महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया था। सिर्फ 1500 रुपये की रसीद कटवाने पर श्रद्धालु को पुजारी के साथ गर्भगृह में प्रवेश दिया जा रहा था, लेकिन सुबह होने वाली आरती के बाद करीब 7.45 बजे अधिकारियों ने भीड़ का आंकलन किया और आम श्रद्धालुओं को गर्भगृह से दर्शन कराने का निर्णय लिया। गर्भगृह से दर्शनों का सिलसिला सामान्य चलता रहा लेकिन 10 बजे बाद होने वाली आरती की तैयारियों का हवाला देकर 8.30 बजे मंदिर के सभी गेट से श्रद्धालुओं का प्रवेश रोक दिया गया।

जो लोग परिसर के अंदर प्रवेश कर चुके थे उनकी कतार गर्भगृह तक चलती रही। इसका परिणाम यह हुआ कि सामान्य दर्शनार्थी टनल मार्ग, झिकझेक तक खड़े रह गये वहीं भस्मार्ती गेट नं. 4 जहां से वीआईपी, प्रोटोकॉल, वृद्धजन, दिव्यांग, प्रतिदिन दर्शनार्थियों को प्रवेश दिया जाता था उन्हें भी रोक दिया गया। व्यवस्था में हुए अचानक बदलाव के कारण भस्मार्ती गेट पर सैकड़ों लोगों की भीड़ लग गई, जबकि प्रतिदिन दर्शन के लिये आने वाले लोगों ने पुलिसकर्मी और मंदिर के सुरक्षाकर्मियों से जमकर बहस और हंगामा किया।

प्रवचन हॉल से सेटिंग से प्रवेश
सुबह 10 बजे बाद होने वाली आरती के लिये मंदिर के सभी गेट से प्रवेश प्रतिबंधित किया गया तो कुछ लोग मंदिर कर्मचारियों से सेटिंग कर प्रवचन हॉल के रास्ते मंदिर में प्रवेश करते नजर आये। यह प्रवेश मार्ग वीवीआईपी और अधिकृत पंडे पुजारियों के लिये है, लेकिन यहां मौजूद कर्मचारी आम लोगों को सेटिंग के बाद प्रवेश देते नजर आया।

कतार में भजन बने सहारा
भगवान के दर्शनों के लिये कतार में लगे लेकिन एक घंटे तक लाइन में लगने के बाद टनल तक पहुंचे लोगों को अचानक रोक दिया गया। देखते ही देखते टनल मार्ग पर तीन जगह सैकड़ों श्रद्धालुओं के जत्थे एकत्रित हो गये जिनमें वृद्ध, बच्चे और महिलाएं शामिल थीं। करीब दो घंटे तक लाईन आगे नहीं बढऩे के कारण कई लोग अपनी जगह पर बैठकर भगवान का भजन करते नजर आये।

पानी तो मिला, शौचालय नहीं
भगवान के दर्शनों में 3 घंटे से अधिक का समय लग जायेगा इसका अनुमान किसी को नहीं था। सामान्य दर्शनार्थी इसी कारण लाईन में लग गये। मंदिर प्रशासन द्वारा टनल मार्ग, परिसर में पीने के पानी की व्यवस्था की है, लेकिन शौचालय व्यवस्था नहीं होने के कारण वृद्धों, महिलाओं और बच्चों को परेशान होना पड़ा।

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